BJP जब घबराती तो ये सब कहती है. इसमें क्या दिक़्क़त है. जब हम विदेशी संस्थाओं से कहते है कि हमारे यहाँ इन्वेस्ट कीजिए तब हम कहते है कि हमें इन्वेस्टमेंट की ज़रूरत है. तो क्या देश कमजोर हो जाता है. जब विदेश से नई टेक्नोलॉजी की माँग करते हैं ये कहते हुए कि हमारे यहाँ नहीं है तो क्या उस से भी देश कमज़ोर हो जाता है. लोकतंत्र पर जो वाजिब सवाल अगर उठ रहे हैं तो वो किसी भी फ़ोरम में अपनी बात कर सकते हैं. उससे देश कमज़ोर थोड़ी हो जाता है. हमने जो सवाल खड़े किए हैं उसका कोई भी जवाब चुनाव आयोग अब तक नहीं दे पाया है. महाराष्ट्र में अचानक से इतना वोट बढ़ जाता है जिसका कोई जवाब नहीं दे पाता. जो वोट पड़ता है वो सब BJP की झोली में ही क्यों जाता है. हम कोई नासमझ थोड़ी है.